सादर वंदन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
आज हम बात करेंगे जीवन मूल्य पर, निश्चित ही हम सभी का जीवन अमूल्य है, पर आप अपना जीवन किस प्रकार जीते हैं, यह एक महत्वपूर्ण बात है, अगर हम अपने जीवन मूल्य तय नहीं करते हैं, तो हमारी आंतरिक उर्जा कभी भी शक्तिशाली ना हो सकेगी, और आप जब भी किसी कार्य को करेंगे, तो भीतर से ऊर्जा की कमी अवश्य महसूस करेंगे, जितने आप नैतिक तौर पर अपने जीवन को जीते हैं, उतनी ही आपकी आंतरिक शक्तियों में वृद्धि होती जाती है, आपके जीवन में आप की आंतरिक ऊर्जा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
नैतिक सिद्धांत सबसे पहले आपकी आंतरिक उर्जा का निर्माण करते हैं, जो किसी के भी जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण सत्य है, जरा सोचें, अगर आपकी समाज में जो भी चर्चा होती है, उसके केंद्र में अगर आपको रखा जाए, तो अधिकतर की टिप्पणियां सार्थक बातचीत पर हो, कि वह व्यक्ति अपने मूल्यों का पक्का है, विश्वसनीय है, अच्छा समन्वयक है,किसी भी मार्गदर्शन के लिए आपकी राय को महत्व दिया जा रहा है कि कोई भी कार्य करने से पहले आपसे एक बार चर्चा अवश्य की जाए, तो यकीन मानिए आप सही जीवन मूल्यों को जी रहे हैं।
जीवन में हम जो अपेक्षा और से अपने लिए करते हैं, क्या स्वयं उस दिशा में हम भी कार्य करते हैं, अगर नहीं, तो प्रथम बदलाव तो आपको स्वयं ही करना होगा।
अगर आप चाहते हैं कि एक बेहतर नैतिक समन्वय पर आधारित समाज की स्थापना हो, तो इन नैतिक मूल्यों को पहले आप को जीना होगा, तभी आप किसी बदलाव को ला सकेंगे तो फिर सोच क्या रहे हैं, आज और अभी से जीवन मूल्यों पर आधारित जीवन जीने की तैयारी करें वह अपने कर्म से समाज को भी प्रेरणा दें, न कि केवल बातों से।
हमारा जो भी कर्म है, आजीविका का जो भी माध्यम है, वह कार्य हम पूर्णतया ईमानदारी से करें, फिर देखें, परिणाम आपके ही पक्ष में होंगे।
विशेष:-जीवन को जीने का नजरिया बदलें, केवल जिए नहीं, वरन एक ऐसा जीवन जिए, जो भी आपसे मिले वह आपकी ऊर्जा शक्ति से विस्मित हुए बिना न रह सके, वह आपसे प्रेरणा प्राप्त कर सकें,आप के संपर्क में आने से वह आनंदित हो ,वह भीतरी उर्जा से परिपूर्ण हो उठे, तो आइए एक पहल करें, अपने आप को बदलने की, बाकी सब तो स्वमेव ही बदलता चला जाएगा।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय हिंद, जय भारत
इति शुभम भवतु
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