क्षितिज में नए विश्व का उदय

आज सारा विश्व एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और यह हर समय एक प्रक्रिया के तहत अपने आप किसी दिव्य शक्ति के माध्यम से हुआ करता है 
जो अपने समय की पदचाप को पहचान लेते हैं वह समाज को एक सही धारा-प्रवाह में चलने हेतु दिशा निर्देशित करते जाते हैं.
आज की ही बात नहीं यह मानव समाज हर समय  अनुकूल परिवर्तन से गुजरता हुआ नए आयामों को छूता जाता है.





प्राचीन परंपरा पर अगर नजर डालते हैं तब भी विश्व में अनेक संस्कृतियां थी, विवेकानंद शिकागो वक्तृता के रूप में भारत की गौरवशाली परंपरा का निर्वहन कर ने अपने गुरुदेव श्री रामकृष्ण जी परमहंस के माध्यम से वहां गए थे.
श्री अरविंद  एक ही जगह आश्रम बनाकर उस शक्ति का जागरण करते रहें. फिर अंग्रेजों के शासन काल का दौर आया उस समय भी भारत विभिन्न प्रकार के अलग अलग परिपाटी व मतों में उलझा था जिसके फलस्वरुप वह गुलाम हुआ.उसके बाद महात्मा गांधी , सुभाषचंद्र जी बोस, बाल गंगाधर तिलक व कई गुमनाम क्रांतिकारियों ने बदलाव के लिए अपने सर्वस्व का बलिदान कर दिया


वर्तमान समय संचार क्रांति का समय है बड़ी आसानी से सूचना का आदान प्रदान संपूर्ण विश्व में कहीं भी किया जा सकता है हर सूचना बड़ी ही तेजी से प्रचार-प्रसार में आ जाती है युवा पीढ़ी की सजगता ही इस देश व संपूर्ण विश्व के अभ्युदय की दिशा में कार्य कर सकती है.

सही दिशा निर्देश के अभाव में हमारा युवा एक केवल एक ही और भौतिक संपदा की ओर भागता नजर आ रहा है आश्चर्य इस बात का भी है कि बुजुर्गों का सामाजिक दायित्व भी इस दिशा में कार्य नहीं कर पा रहा है .आज संपूर्ण चीजों का बाजारीकरण होता जा रहा है भावनात्मक शुन्यता पनपने से रिश्तो को उर्जा व्यक्तित्व  की गरिमा तार-तार हो रही है.

 ऐसे समय में अपने संपूर्ण अध्ययन के द्वारा एक बहुत ही छोटा सा प्रयास प्रवाह ब्लॉक के माध्यम से कर रहा हूं दिल से कोशिश की है कहते हैं कि दिल से की गई कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती है खासतौर से युवा वर्ग व बालमन आज बहुत आहत है उनके स्वरूप को कोई सही दिशा प्रदान नहीं कर पा रहा है वह एक उलझन का सामना इस नए दौर में कर रहे हैं उन्हें एक दिशा ज्ञान देना अपने मानवीय दृष्टिकोण का एहसास कराना इन सब झंझावातों के बीच अपने आपको अभय करना यह कैसे संभव है .

यह संपूर्ण ज्ञान आधारित जीवनशैली को अपनाने पर ही संभव हो सकता है जीवन में संतुलन की स्थापना होने लगती है वह एक सही दिशा की ओर अग्रसर होकर स्वयं अपने व्यक्तित्व का निर्माण परिवार निर्माण राष्ट्र निर्माण से होते हुए विश्व निर्माण की अनूठी भूमिका को निभा सकेगा यह अंतर्बोध ईश्वर कृपा व गुरु कृपा से ही संभव है उनके आश्रय  एवं उनके आशीर्वाद से ही इसे एक नया रूप देने का प्रयास कर रहा हूं जिसमें समय समय पर आप से चर्चा हर विषय पर संगीत सामाजिक परिवेश हमारे जीवन मूल्य सामाजिक समरसता का महत्व परिवर्तन के दौर में अपने को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ना सभी पर चर्चा होगी तभी क्षितिज में नए  का उदय हो सकेगा

आपका अपना

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