वैलेंटाइन डे

प्रिय पाठकों,
सुप्रभात,


आज वैलेंटाइन डे ( प्रेम दिवस) या संत वैलेंटाइन डे है। सभी प्रेमी हृदय बंधुओं को हृदय से, भाव से, प्रेम से नमन।




तुम यु ही महकते रहो , गुलाबो की तरह। मुस्कान सदा चेहरे पर हो। रहो सदा प्रेम से भरपूर, जीवन भर तुम्हारा व्यक्तित्व ऐसा ही बना रहे।


भगवान श्रीकृष्ण शायद इतिहास में ऐसे विभूति हुए हैं, जिन्होंने प्रेम का सर्वोच्च मापदंड स्थापित किया है। वे ह्रदय से जीने वाले, अपने सभी रिश्ते में उन्होंने प्रेम को सर्व प्रथम स्थान दिया।
चाहे वह उनकी प्रिय प्रेयसी राधा हो या मित्र के रुप में अर्जुन, इधर द्रौपदी भी श्री कृष्ण को अपना सर्वश्रेष्ठ हितेषी मानती थी।

16000 कन्याएं जब भस्मासुर ने बंदी बना ली, तब भस्मासुर से युद्ध के उपरांत उन्हें भी छुड़ाया गया।
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना की अब तो परिवार वाले भी हमें नहीं अपनाएंगे, तब श्रीकृष्ण ने हंसते हुए उनका शोक निवारण कर उन्हें अपनाया, वह उनकी व्यथा को दूर करना चाहते थे। उन्होंने जगत का अपयश होकर भी उन्हें अपनी शरणागति प्रदान की। इसमें उनका कोई निजी स्वार्थ ना होकर उनकी मान रक्षा करने के कारण उन्हें उन्होंने अपनाया।


इसी कारण श्रीकृष्ण धन्य है। वे अपने सभी रिश्तो में प्रेम को ही सर्वोच्च मानते हैं।
तभी तुम महाभारत में हथियार न उठाने की प्रतिज्ञा के बाद भी भीष्म पितामह की उनके प्रति जो अन्यय श्रद्धा व प्रेम था, उसके कारण उन्होंने रथ का पहिया उठाकर उनसे संग्राम किया व उनके भावो को गरिमा प्रदान की।
आज 14 फरवरी को राधा कृष्ण के दिव्य प्रेम, जो हदय में था, उसे नमन कृष्ण अर्जुन के सखा प्रेम को नमन, भीष्म पितामह कृष्ण के भक्त व भगवान के प्रेम स्वरूप को नमन। इसी प्रकार हमारे संस्कृति में गुरु शिष्य के प्रेम को नमन।
हमारी पूर्व संस्कृति मूलतः भाव प्रधान संस्कृति रही है।

 पुनः सभी को आज के दिन वेलेंटाइन दिवस की बधाई।

युवा वर्ग विशेष तौर पर प्रेम को समझें, केवल शारीरिक आकर्षण प्रेम नहीं, प्रेम तो एक दिव्य भाव है जो कभी नष्ट नहीं होता है, उस भाव को अपनाएं।

आप सभी का दिन मंगलमय हो सदैव। आप सभी की समृद्धि में वृद्धि हो यही कामना।

जय श्री राधा कृष्ण।

आपका अपना।
सुनील शर्मा।

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