स्वयं दिशा तय करें।

सुप्रभात, 
         आप सभी का दिन मंगलमय हो, आज हम बात करेंगे स्वयं दिशा तय करें, मेरे लेखों के जरिए आप मेरे विचार से तो परिचित होते ही जा रहे हैं ।
               जीवन में किसी भी कार्य को करने के लिए हम सबसे पहले उसे कार्य को क्यों कर रहे हैं, उसके पीछे हमारा क्या उद्देश्य है, जो भी कार्य हम कर रहे हैं, उसे कार्य का क्या परिणाम होगा।
                 इस प्रकार से मंथन करने के बाद हम उसे कार्य को अगर करते हैं तो कई बातें हमारे सामने बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर हमारी अभिरुचि कृषि में है, उसमें हम किसी प्रकार का कार्य करना चाहते हैं तो सबसे पहले हमारे पास क्या संसाधन हैं, उन संसाधनों का हम किस प्रकार बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करते है।
                 जैसे हमारे पास कृषि भूमि तो है, पर उन्नत बीज व खाद तथा समयबद्धता से हम कार्य करेंगे तो परिणाम भिन्न होंगे।
कृषि में भी फलदार वृक्षों, सब्जियां, अनाज, फूलों की खेती, वनस्पतियों की खेती, मसाले की खेती, इस प्रकार हमारी रुचि किस प्रकार की खेती में है, क्या हमारी जमीन उसे प्रकार के लिये उपयुक्त है, इस प्रकार विचार कर हम कार्य करते हैं तो हमें परिणाम अच्छे प्राप्त होंगे।
                  दूसरा उदाहरण अगर हम राजनेता बनना चाहते हैं 
तो एक राजनेता में सबसे बड़ी खूबी तो संवाद की होना चाहिये।
राजनीति में आप कितनी कुशलता से संवाद करते हैं, यह सबसे अधिक मायने रखता है। 
                  हम स्वयं अपने आप से पूछे कि हमारी सबसे अधिक रूची किस क्षेत्र में है, वह उसके बाद हम अपनी समस्त शक्ति व  समय व विचार तथा उसकी बेहतर योजना इन सब पर  हम कार्य करेंगे, उतने ही अपेक्षित परिणाम आपको उसे क्षेत्र में प्राप्त होंगे।
            हमारी अभिरुचि जिस क्षेत्र में सबसे अधिक है, उसने हम दिल लगाकर कार्य करते हैं, फिर अगर हम दिल से उस कार्य को करेंगे तो फिर हमारे लिए समय भी बाधा नहीं होगा, क्योंकि जिस क्षेत्र में हमारी रुचि है, उस क्षेत्र  में कार्य करने पर हमें आनंद भी प्राप्त होता है।
      इस प्रकार जब कोई भी निर्णय हम स्वयं करते हैं तो उसकी जवाबदेही  भी हमारी होती है, पूर्ण जवाबदेही  से अपनी कार्ययोजना पर आप कार्य करें। आपकी राह में आपका आत्मविश्वास ही आपकी सफलता की सर्वप्रथम कुंजी होगी।
           ऐसा कोई भी कार्य नहीं है, जिसे हम पूर्ण मनोयोग से करें और हमें परिणाम न मिले, हमारी दिशा हंस स्वयं तय करें वह दशा बदलने के लिए जिस दिशा में हम जाना चाहते हैं अथवा जो भी कार्य क्षेत्र हम अपनाना चाहते हैं, उसका अधिकतम  ज्ञान जहां से प्राप्त हो, वह हासिल करें। 
           इस प्रकार आप जीवन में तो सफल बनेंगे ही, कई व्यक्तियों के लिए प्रेरणास्रोत भी होगेे।
        विशेष:- जब आप स्वयं किसी भी कार्य को करने का मानस बनाते हैं, कार्य योजना तय करते हैं, अपनी अभिरुचि को ध्यान में 
रखकर आप कार्य करते हैं, तो आदि सफलता आपकी उसी समय तय हो जाती है।
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जय भारत 
जय हिंद।

0 टिप्पणियाँ: