सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम, मेरी यह विचार यात्रा आप सभी को कैसी लग रही है ,अवश्य बतायें ।
हम सभी का जीवन एक बहती धारा की तरह है, इस जीवन के कई विभिन्न आयाम है, कितने अधिक आयाम होंगे, उतनी बहुमुखी प्रतिभा के आप धनी होंगे ।
जीवन की शुरुआती दौर में हम गुजरते हैं, तब एक हम अलग आयाम से गुजरते हैं, अपने बचपन में कई व्यक्तित्व ऐसे होते थे, वे ता उम्र के लिए आपके मानस प्रबल पर सदैव के लिए अंकित हो जाते थे , जीवन ऊर्जा से भरपूर कोई भी व्यक्तित्व हमें आकर्षित करता ही है, तमाम व्यक्तित्व से प्रभावित होते हुए या उन आयामों में गुजरते हुए भी हम हमारे बालमन में विभिन्न आयामों की सृष्टि कर चुके होते हैं ।
समय बीतने के साथ-साथ हम विभिन्न व्यक्तियों के संपर्क मे आते हैं, ज्ञानार्जन कभी खत्म नहीं होता,, हम सीखने जाते हैं, अनुभव बढ़ता जाता है, पर बहुदा हमें बचपन वाला आयाम ही अधिक लुभाता है।
कई प्रकार के विभिन्न आयामों से गुजरते हुए हम भी धीरे-धीरे बहुआयामी हो जाते हैं।
बचपन की सादगी, सहजता, बालपन, जीवन का एक खूबसूरत आयाम है, पर बचपन हमेशा नहीं रहता, पर उससे जुड़ी यादें सबसे अधिक हमारे जीवन को प्रभावित करती है।
उसके बाद ही आती है, हमारी किशोर अवस्था, यह हमारे जीवन का सबसे नाजुक मुकाम व आयाम होता है, क्योंकि यही वह समय है, जब हम अपने जीवन में नए आयामो को गढ़ते हैं।
इस नाजुक मोड़ को अगर हम संभाल लेते हैं तो हम हमारे जीवन में एक नए आयाम को जन्म देते हैं, इस समय में दिए गए अनुकूल और प्रतिकूल फैसले ही हमारे जीवन की धारा को तय करते हैं, क्योंकि इस समय में लिए गए सटीक निर्णय ही हमारे जीवन में एक सुखद भविष्य का निर्माण करते हैं।
हम अपने जीवन में अपनी शिक्षा प्राप्त करने के दौरान विभिन्न प्रकार की विचारधाराओं से गुजरते हैं, वह सभी प्रकार की विचारधाराओं में से कुछ ना कुछ ग्रहण करते हुए अपने जीवन की यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
जीवन के इस खूबसूरत सफर में हमें सभी प्रकार के खट्टे मीठे अनुभव आते हैं, इस प्रकार से जीवन में हम विभिन्न आयामों से गुजरते हुए क नये आयामो का निर्माण करते हैं।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय हिंद,
जय भारत।
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