हकीकत , स्वप्न व प्राथमिकताएं

प्रिय पाठक गण,
            सादर नमन, 
आप सभी को मंगल प्रणाम, 
         जिंदगी में हमें हमेशा कुछ ना कुछ फैसले करने ही होते हैं,
कुछ हमारे जीवन के स्वपन होते हैं, कुछ जीवन की कटु हक़ीक़ते।
        सकारात्मक सोच बड़ी ही अच्छी बात है, मगर केवल सकारात्मक सोचने मात्र से ही तो किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं, हमें वास्तविकता व स्वप्न का अंतर भली-भांति समझना चाहिये।
        दिवा स्वप्न देखना अच्छी बात नहीं, संपूर्ण अवलोकन करना व सही निर्णय लेना, परिस्थितियों का संपूर्ण विश्लेषण करना, अपने आसपास घट रहे घटनाक्रम पर पैनी नजर, वर्तमान स्थिति जो भी हमारी है, उसका सही आकलन, सही रणनीति का ज्ञान,
यह सभी हमारे जीवन के अभिन्न अंग है।
              सभी की परिस्थितियों अलग-अलग होती है, हमें अपनी परस्थितियों, जिनके साथ हम सदा रहते है, उनकी प्रवृत्ति  का सही ज्ञान  वह उसके बाद सही आर्थिक ,मानसिक व सामाजिक संतुलन हम उन परिस्थितियों के अनुरूप  किस प्रकार अधिकतम सकारात्मक दिशा हो सकती है, जो आपके उस परिवेश, वातावरण व जिन भी लोगों के समूह में आप रहते है, उन सभी का वह स्वयं का हित किस प्रकार संवर्धन हो, इस प्रकार की उचित एक संपूर्ण नीति को हमें बनाना चाहिये।
        जीवन में हमें आर्थिक, सामाजिक, भावनात्मक, व्यवहारिक 
इन सभी बातों का सही समावेश करना होता है, इन सभी का उचित सम्मिश्रण हीं एक परिपूर्ण जीवन होता है।
        फिर परिस्थितियों के अनुसार प्राथमिकताएं भी बदलती है,
एक बालक के सर्वांगीण विकास के लिये उचित आहार, भावनात्मक सबंल, सही दिशा यह प्राथमिक होते हैं ।
        एक गृहस्थ जीवन जीने के लिए प्राथमिकताएं परिवार का कुशलता पूर्वक आर्थिक संचालन होती है।
         एक कुशल गृहणी के लिए सभी के साथ तालमेल व सूछ- बूझ पूर्वक परिवार का पालन प्राथमिकता होती है।
        इस प्रकार जब सभी को अपने-अपने निज कर्तव्य व
प्राथमिकताओं का सही भान होगा तो वह उस दिशा में ही सही प्रयास भी करेंगे वह परिणाम भी निश्चित तौर पर सही होंगे। 
        हकीकत व स्वप्न दोनों का उचित तालमेल हमें जीवन की सही दिशा की ओर अग्रसर करता है।
      स्वप्नदर्शी होना भी आवश्यक है, पर मात्र स्वप्नदर्शी होने से ही सभी कार्य नहीं हो सकते, आपको जो भी स्वप्न है, उसे दिशा में पूर्ण दृढ़तापूर्वक कदम भी निरंतर बढ़ाना होते हैं। तभी आप किसी भी मंजिल या स्वप्न को जो आप देख रहे हैं, उसके नजदीक पहुंचेंगे, और यह निरंतर प्रयास द्वारा ही संभव है। 
        वर्तमान समय का सही आकलन व अपने स्वप्न पर दृढ़तापूर्वक अमल, अगर आप करते हैं तो आपकी आंतरिक दृढ़ता वह मार्ग अपने आप प्रशस्त कर देती है। 
         हकीकत को समझते हुए सपनों के निर्माण की दिशा में 
पूर्ण शक्ति व सामर्थ्य पूर्ण प्रयास निश्चित ही आपको अपने स्वपनो को पूर्ण करने का सामर्थ्य आप में जगा देते हैं।
        हमें अपने भीतर छिपी हुई आंतरिक शक्तियों को पहचानना चाहिये व विवेकपूर्ण उन पर कार्य करना चाहिये, यह आपको आपकी मंजिल के करीब ले जायेगा, निरंतरता जीवन में सबसे अधिक आवश्यक है।
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जयभारत 
जय हिंद।



0 टिप्पणियाँ: