मुस्कान क्यों जरूरी है


जैसे ही आप मुस्कुराते हैं एक स्वस्थ जीवनी शक्ति का परिचय देते हैं आपकी मुस्कुराहट से आप कई दिलों को जीत लेते हैं।


आपकी मुस्कान कई दिलो  को जीतने का सामर्थ्य रखती है, आप कुछ मत कीजिए बस केवल एक सुंदर सी मुस्कुराहट चेहरे पर सदैव धारण कीजिए और उसका चमत्कार आप अपने निजी जीवन में भी महसूस करिए।
image source: mindstateofsucess.com

जैसे ही आप उस परम ऊर्जा के संपर्क में आते हैं वह  वह अनंत ऊर्जा शक्ति एक दिव्य प्रवाह व आभामंडल के रूप में आप तक स्वयं ही आ पहुंचती है।

 इसे हम चाहे विज्ञान कहें या मनोविज्ञान उस परम पिता का आशीर्वाद का है मां सरस्वती की कृपा का है जो भी है वह एक अनवरत धारा के रूप में मानस में मंथन के द्वारा  तक पहुंचा पाता हूं।

पूज्य गुरुवर व  ईश्वर की अनुकंपा तथा अनुग्रह से जीवन की यह परिवर्तन यात्रा चल रही है इस सुखद अनुभव धारा के आप भी पथिक बने तो हार्दिक प्रसन्नता होगी चेहरे पर मुस्कान सदैव बनाए रखें जीवन में कई मित्र बन जाएंगे आपके चेहरे की मुस्कुराहट आपको निजी जीवन में कई मित्रों से मिलेगी यह आपके व्यापार व्यवसाय में भी काफी सहायक सिद्ध होती है।
                                                   
एक मुस्कराते हुए व्यक्तित्व से हर कोई मिलना चाहता है उससे अपनी बात कहने में किसी को भी कोई डर नहीं लगता क्योंकि मनोवैज्ञानिक रूप से भी आप जब किसी हंसते हुए चेहरे को देखते हैं तो आपके मन में अच्छी विचारधारा का प्रादुर्भाव अपने आप होने लगता है
                                                     
क्या आपने किसी भी भगवान की रोते हुए कोई प्रतिमा या चित्र देखा है इसके पीछे भी निश्चित ही यही मनोवैज्ञानिक कारण छुपा होता है कि हम जैसे ही प्रसन्नचित प्रतिमा अथवा चित्र को निहारते हैं तब उसकी वह मुस्कराहट या  जीवंतता हमें भीतर तक छूने लगती है और हमारे मानस के भीतर एक सकारात्मक परिवर्तन होने लगता है इससे ही यह सिद्ध हो जाता है की मुस्कुराहट का कितना गहरा मनोविज्ञान है तो आप जब भी किसी से मिले एक सुंदर सी मुस्कुराहट उसकी ओर अवश्य दे यह निश्चित ही एक जादू सा असर करेगी क्योंकि मूल रूप से आज भी व्यक्ति एक खुशनुमा व्यक्तित्व से प्रभावित होता है और उसकी  ऊर्जा शक्ति हमें अपनी ओर खींचने लगती है तो आप भी अपने जीवन में मुस्कुराहट के महत्व को समझिए इसका व्यवहारिक प्रयोग अपने जीवन में बढ़ाइए और सकारात्मक परिणामों की दिशा में आगे बढ़ते जाइए
                                          
                                                        
                                         प्रवाह में आज इतना ही
                                                                  आपका अपना,  शेष फिर

0 टिप्पणियाँ: