रिश्तो का सच

प्रिय पाठक गण,
सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
  आज प्रवाह में मेरी कलम से विषय "रिश्तो का सच"पर बात कहूंगा।
मेरा यह ब्लॉग आप सभी को कैसा लग रहा है, कृपया प्रतिक्रिया अवश्य दें।
 इससे मेरा लेख लिखने के प्रति उत्साह वर्धन होता है।
             आइए चले ,आज के विषय पर, आज सामाजिक माहौल जो बन रहा है, उसमें हम सभी समान रूप से जवाबदेह हैं, जब हम पूर्ण पारदर्शिता से अपनी बात रखते हैं, तो वह बात निश्चित ही प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित अवश्य करती है।
         ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌    ऊपर से भले ही व्यक्ति कितना ही दिखावा क्यों न कर ले, परंतु भीतर हृदय में जो चल रहा है, वह छुपता नहीं, हमें अपने मनोभावों को शुद्ध करते ही रहना चाहिए, क्योंकि अंततः वही हमारे अपने  व्यक्तित्व की ताकत तो बनती ही है, अगर आप अच्छे व्यक्तित्व के मालिक हैं, तो सभी आपसे मिलकर प्रसन्न चित्त होंगे।
          पारदर्शिता ही किसी भी रिश्ते का पहला अनिवार्य सत्य हैं, जब हम पारदर्शी होते हैं तो आसानी से अपनी बात को कह पाते हैं, क्योंकि तब हमारे भीतर किसी भी प्रकार का भेदभाव मन में नहीं होता है।
         किसी भी सफल रिश्ते की पहली शर्त यह है कि उनमें आपसी पारदर्शिता अवश्य हो, अन्यथा नए व पुराने दोनों ही प्रकार के रिश्तो में तल्ख़ियां बढ़ने लगती है।
         साहस पूर्वक सच बात को कहना भी एक कला है, विनम्रता पूर्वक अपनी बात रखना वह फिर उस पर अडिग रहना यह स्व प्रयास से ही संभव है।
         रिश्तो में खटास तभी आती है, जब हमें अपने स्वार्थ की पूर्ति होती नजर नहीं आती है। इसीलिए स्वार्थ पूर्ण रिश्तो की नीव अक्सर खोखली ही होती है। उन रिश्तो में एक बनावटीपन  होता है, और वह देर सवेर नजर आ ही जाता है।इसीलिए प्रथम तो रिश्ते सोच समझकर तय करें, चाहे वह दोस्ती का रिश्ता हो, व्यापारिक रिश्ता हो या पारिवारिक रिश्ते हो, कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य है, हम जो भी रिश्ते बनाते हैं, सत्यता व शुद्धता उसकी प्राथमिक सीढ़ी होनी चाहिए ।
अपनी ओर से हमेशा सर्वश्रेष्ठ पहल करें, विश्वास रखें कभी भी रिजल्ट गलत नहीं आएगा।
पूर्णतया पारदर्शिता से अपनी बात रखें व उस पर दृढ़ रहे।
यही आपके जीवन में आपको सबसे बड़ा सहायक सिद्ध होगा।
हमेशा अपनी ओर से सदा सर्वश्रेष्ठ पहल करें, परिणाम हमेशा अच्छा ही होगा।
जब आप अपनी ओर से पूर्ण पारदर्शी होते हैं, तब आपके अंदर एक आत्मविश्वास होता है,और जीवन में सफल होने के लिए पारदर्शिता आवश्यक है।
आज जब पारिवारिक, व्यापारिक व आपसी रिश्तो में कड़वाहट बढ़ रही है, तो निश्चित ही इसका एक ही उपाय है, आपसी सकारात्मक बातचीत के द्वारा उन्हें हल करना।
उसके बिना जीवन की परेशानी बढ़ेगी ही, जितना हम सकारात्मक प्रयास करेंगे, हमारे रिश्ते उतने ही निखरेंगे।
पर निश्चित यह प्रयास एकतरफा नहीं हो सकता है, दोनों ही और से इसका प्रयास होना चाहिए।
          मेरा यह प्रयास आप सभी को कैसा लग रहा है अवश्य बताएं वह मेरा ब्लॉक अगर आपको सच के करीब लगता हो, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाला लगता हो, तो कृपया अधिक से अधिक लोगों में से शेयर भी करें। सामाजिकता के नाते हम सभी का महत्वपूर्ण कर्तव्य  भी है।
विशेष:-आपकी सराहना मेरा बल है, कृपया प्रतिक्रिया अवश्य दें। वह कोई विषय है जिस पर अगर आपको लगता है, मेरी लेखनी चलना चाहिए तो आप मुझे ब्लॉक पर लिख कर बता भी सकते हैं। मेरी अनवरत यह कोशिश है की सामाजिक रिश्तो में सुधार हो, ताकि एक बेहतर समाज की स्थापना हो।
आपका अपना
सुनील शर्मा
इति शुभम भवतु



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