मेरे जज्बात


हो सीने में आग कहीं ना कहीं, यह आग जलनी चाहिए। एतबार ना उठे, यह कोशिश होती रहनी चाहिए मोहब्बत का पैगाम ही असली है यारों,
इश्क की आग हर दिल में जलनी चाहिए।
क्योंकि वह इश्क ही है जो खुदा से भी लड़ लेता है।
इसको हो अपने रिश्तो से वतन से इश्क है, उसूलों से इश्क हो, हो इश्क ईमान से,
रिश्तो में भी मोहर इश्क की हो।
हो इश्क हर जुबां पर,
कुछ उर्दू, कुछ हिंदी, कुछ फारसी मगर निकली है प्यारे यह जो मेरी जुबान से यही असल चीज है प्यारे वरना रिश्ते खाक हो जाते हैं, जो उन्होंने मोहब्बत की लौ ना होती।
मोहब्बत की लौ को जलाया रखिए, विश्व को शमशान होने से बता कर रखी है मेरे दिल की दुआ यही,
जो कबूल हो, कबूल हो।
इश्क मेरा धर्म हो, इश्क ही ईमान हो, इश्क उस खुदा से करते हैं जब हम तो उसके बंदों से नफरत कैसी।
यह जो राजनीति है यारों, इसकी फितरत ही ऐसी।
जहां पर यह आ जाती, अपना प्रभाव छोड़ जाती है।
सम्वेदनाओं का सागर अब लहराएं, मानव को मानव समझे, जात पात न बीच में आएं बहुत हो चुकी अभी राजनीति हर धर्म मोहब्बत ही है प्यारे,
जिस दिल में भी मोहब्बत की आग जलती है, उसे है मेरा यह पैगाम प्यारे,
इश्क ही है मंजिल आखरी, इश्क खुदा से हो बेशक, मगर उसके ही बंदों से फिर नफरत कैसी।
 जिस मिट्टी में हम पले-बढ़े, जिसमें हमने सांसे ले, वही वतन आज सिसक रहा है प्यारे नौजवानों से पुरजोर अपील मेरी।
 इस देश की संस्कृति है गंगा जमुना, ताकत है प्यारे, न मिटने पाए।
किसी भी मुल्क की असली जागीर उसके बाशिंदे हैं, जो उसकी हिफाजत करना जानते है, रखना इतनी तो गैरत अपने दिलो में प्यारे।
अब वतन की मिट्टी तुम्हे पुकारती।
बारिश में सौंधी खुशबू जब इसकी आती है,
यह एक अलग ही अहसास जगा जाती है।

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