स्वप्रेरणा

प्रिय पाठक वृंद ,
सादर वंदन,

आपके और हमारे बीच यह वैचारिक क्रम जो चल रहा है ,उसमें कुछ समय अभाव के कारण आप सभी से कुछ समय के लिए दूरी पर क्षमा प्रार्थी हूं। स्वप्रेरणा ,आज का मेरा विषय है स्वप्रेरणा ,स्वयं ही स्वयं का आकलन करें दृढ़तापूर्वक निर्णय लें। उस पर डटे रहें ,प्रकृति निश्चित ही आप के पक्ष में ही निर्णय करेगी।

वर्तमान में रहें अपनी योजनाओं की समीक्षा करें खामी व खूबी का आकलन करें ,आपकी जीत होगी ऐसा भाव बनाए रखें। विचार ऊर्जा का क्षय ना होने दें ,केवल किस्मत के सहारे न रहकर कर्म पथ पर सक्रिय हो वैचारिक शक्ति को कायम करें।अपनी मंजिल की ओर बढ़े ,जो भी आप सोचते हैं उसे दृढ़तापूर्वक अमल मे लाये। जाने वाले को एक किसी भी अन्य विचार से प्रभावित होने की बजाय अपनी रुचि ,क्षमता व परिस्थिति का आकलन करें। फिर निर्णय लें

स्वप्रेरणा से व्यक्ति के व्यक्तित्व में रूपांतरण होता है, वह व्यक्तित्व में रूपांतरण होने पर उसके संपूर्ण आभामंडल में भी परिवर्तन होता है ,वैचारिक दृढ़ता से आप तेजस्विता से अपने पथ पर बढ़ पाते हैं ।सामाजिक संपर्क में रहे ,समाज हित में भी कार्य करें आप को सुकून प्राप्त होगा। संकल्प के धनी व्यक्ति धारा का रुख मोड़ने का साहस रखते हैं ,संपूर्ण इच्छा शक्ति अपने लक्ष्य प्राप्ति में लगा दे।

जो भी अपनी संपूर्ण ऊर्जा का एक दिशा में इस्तेमाल करता है ,वह अपने लक्ष्य को अवश्य ही पाता हैं।

विशेष :- श्रम शक्ति का आकलन करते हुए संपूर्ण ऊर्जा शक्ति से अपने कार्य को गति दे इस पर आपकी सफलता में अवश्य सहायक होगा।

आपका अपना,
सुनील शर्मा।

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