अपनी मंजिल स्वयं चुने

प्रिय पाठक गण, सादर वंदन
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी को मेरे द्वारा लिखे गए लेख पसंद आ रहे होंगे।
आज हमारी चर्चा का विषय है अपनी मंजिल  स्वयं चुने प्रिय मित्रों व आदरणीय प्रबुद्ध पाठक गण जिसमें कई युवा भी होंगे, आज मुख्यतः आपसे रूबरू इस ब्लॉग के माध्यम से होना चाहता हूं।
आप सभी अपने जीवन में एक सफल मुकाम हासिल करना चाहते हैं,क्या कभी आपने अपने अंतर्मन में भीतर की ओर जाकर देखा है कि क्या आप को सबसे अधिक पसंद है और क्यों, अपनी निजी पसंद या अभिरुचि को हम स्वयं समझे वह उसे जानकर उसी दिशा में हम अपना कर्म करें,क्योंकि जिस भी विचार के आप दिल से नजदीक होंगे और स्वाभाविक रुझान होने से आप अधिक बेहतर ढंग से उस दिशा में कार्य कर सकेंगे।
इसका एक अच्छा उदाहरण 3इडियट फिल्म है,जिसने इस विचार को काफी बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है।
अपनी स्वयं की रुचि समझ आने पर हम शीघ्र ही उसमें सफल हो सकते हैं ,क्योंकि उसमें आप दिल से जुड़े होते हैं।
अपने आपको जाने,क्या आपके दिल के सबसे अधिक नजदीक है ,उधर ही अपना ध्यान केंद्रित करें।
सफलता आपकी राह देख रही है, उस एक विचार को फिर दृढ़ता पूर्वक भीतर दोहराते रहे, प्रकृति स्वयं ही आपकी राह का निर्माण कर देगी।
एक ही विचार को अंतर्मन में दृढ़ता पूर्वक स्थापित करने पर वह विचार फलीभूत भी अवश्य होता है, अतः सकारात्मक वाक्य ,विचार अपने मन में डालें।
विशेष:-अपनी मंजिल स्वयं चुने, जिस भी क्षेत्र मेंआपकी रुचि है, उस क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों से मार्गदर्शन अवश्य लें, सफलता आपकी राह देख रही है।
आपका अपना
सुनील शर्मा

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