सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
प्रवाह की इस मंगलमय अद्भुत यात्रा में
आप सभी का स्वागत है, दीपावली पर्व की शुरुआत हो चुकी है, यह हमारा भारत देश है,
जहां पर हमारी संस्कृति का ताना-बाना ही
कुछ इस प्रकार से गूंथा गया है, कि हमें हर माह में कुछ न कुछ त्यौहार अवश्य मिलेंगे, इसके पीछे जो भी हमारे मनीषी ,ऋषि विचारक हए, उनका मुख्य उद्देश्य यही था,
हम जीवन को उत्साहपूर्वक, आनंद पूर्वक जिसमें, उसे ऊर्जा को जो हमें परम पिता से,
परमेश्वर से प्राप्त हुई है, नित्य प्रति उन त्योहारों व उत्सव के माध्यम से हम पुनः सृजित करते रहें।
इसी क्रम में दीपावली का यह अनूठा दीपों से सजा पर्व हम मनाने जा रहे हैं।
इसकी शुरुआत धनतेरस से होने जा रही है, फिर रूप चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा वह इस पर्व है जो अंतिम दिवस है, वह भाई -दूज के रूप में मनाया जाता हैं,
इस प्रकार यह पांच दिवसीय पर्व संपूर्ण
भारतवर्ष में उत्साह से मनाया जाता है, यह
पर्व अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व भी है।
लक्ष्मी पूजन अमावस्या के दिन होता है, जिस समय चंद्रमा क्षीण होता है, मगर हम इतने सारे दीपक लगाकर उस अंधकार को दूर कर देते हैं, इस प्रकार से यह पर्व हमें अपने मन के
अंधकार प्रकाश की विजय को बताता है।
धनतेरस से शुरु हुआ यह पर्व हमें धन की महत्ता को बताता है, धन केवल रुपया पैसा ही नहीं, हमारा स्वास्थ्य भी हमारा धन है, इस दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरी भगवान के पूजन की परंपरा भी है।
फिर आती हैं रूप चौदस, इस दिन उबटन लगाकर सभी अपने रूप को निखारते हैं, फिर आता है मुख्य दिन, लक्ष्मी पूजन का दिवस,
इस दिन हम सभी अपनी संस्कृति व परंपरा अनुसार माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं,
इसके उपरांत गोवर्धन पूजा आती है,
यह देश अभी भी कृषि प्रधान देश है, तो इसलिए गौ माता व बैलों की की पूजा की जाती है, आज भी गांव में बड़े उत्साह से उन्हें सजाया व संवारा जाता है।
फिर अंतिम दिवस हम भाई दूज के रूप में
इस मंगलमय त्यौहार की पूर्णाहुति करते हैं,
इस दिन बहनें अपने भाइयों के जीवन की मंगल कामना करते हुए उन्हें अपने घर भोजन हेतु आमंत्रित करती है, स्पीकर भाई वह बहन के स्नेह वह सद्भाव से इस मंगलमयी में त्यौहार का समापन होता है।
हमारी भारतीय संस्कृति तीज त्योहारों के माध्यम से हमें ऊर्जा प्रदान करती है, यही इन त्योहारों का मुख्य उद्देश्य है, नित्य उल्लास से हम अपने जीवन को जिये, हमारी संस्कृति हमें यही संदेश प्रदान करती है।
आप सभी को दीपावली पर्व के इस पांच दिवसीय मंगलमयी पर्व की अनंत हार्दिक शुभकामनाएं,
आइये ,हम हमारी इस संस्कृति पर गर्व करें,
जिसने हमें उल्लास पूर्वक जीना सिखाया।
पुनः आप सभी को दीपावली पर्व की अनंत अनंत हार्दिक शभकामनाएं।
विशेष:- दीपावली का पर्व मानो हमें यह संदेश प्रदान करता है, अंधकार कितना भी घना हो,
प्रकाश की किरणों से हम उसे दूर कर सकते है, हमारे अच्छे सद्विचार भी हमारे लिए प्रकाश का ही कार्य करते हैं, शुभ संकल्प करें, और उसे पर दृढ़ता पूर्व अमल करें, इन्हीं मंगलमयी व शुभ भावों के साथ आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय भारत,
जय हिंद,
वंदे मातरम।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें