प्रिय पाठकगण,
सादर वंदन, आपसे इस ब्लॉग के जरिए एक अनूठी सी आत्मीयता स्थापित हो गई है, मुझे भी मालूम नहीं कितने नए व्यक्ति इस ग्रुप से जुड़ रहे हैं अथवा नित्य इसे पढ़ रहे हैं।
अनवरत मेरा यह प्रयास है कि इस प्रवाह की निरंतरता बनी रहे, आप सभी से संवाद बना रहे।
वैज्ञानिक व खगोलीय दृष्टिकोण से नव वर्ष का प्रारंभ, आप सभी प्रबुद्ध पाठक गणों का आत्मीय अभिनंदन व नववर्ष की ह्रदय से शुभकामनाएं।
आप सभी के जीवन में खुशहाली बढ़ती रहे, नित नई समृद्धि के आयामों को आप छुए, इसी मंगल कामना के साथ मेरा यह लेखन जारी है व जारी रहेगा। इसमें हिंदी, उर्दू, फारसी सभी भाषा के शब्दों का समावेश हो सकता है, मेरा मूल प्रयास तो आपके अंतकरण को छूना है।
विश्वास है आप निरंतर मेरे इस ब्लॉक को पढ़कर मुझे व मेरे प्रयास को सराहेंगे।
अगर कहीं कोई त्रुटि रह गई हो तो आप सभी से क्षमा प्रार्थी हूं।
पुनः अनेको अनेक मंगल बधाई एक सौजन्यता व सौहार्द समाज में व्याप्त हो,
हिंदू धर्म या सनातन धर्म की मूल अवधारणा,
" सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चिद दुख भाग् भवेत् "
सभी सुखी व निरोगी, हो सबका कल्याण हो, समाज में शुभत्व की वृद्धि हो, परस्पर सहयोग व समन्वय के भाव हो, इन्ही मंगलकामनाओं के साथ पुनः नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
नव वर्ष मंगलमय हो, आप प्रगति के नए आयाम स्थापित करें।
आपका अपना,
सुनील शर्मा।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें