अंतर्यात्रा (भाग 10)

प्रिय पाठक वृंद,
सादर नमन।
 
आप सभी का दिन शुभ व मंगलमय हो, इन्हीं सुंदर भावो के साथ अंतर्यात्रा भाग 10 में हम बात करेंगे आत्मविश्वास पर।

मित्रों, परिस्थितियां सदा एक सी कभी नहीं रहती कभी उतार, कभी चढ़ाव, कभी कठिनाइयां, कभी आसानी जो व्यक्ति इन सब में अपने आत्मविश्वास को कायम रखता है, वह अंततः अपने आत्मविश्वास के बल पर अवश्य ही सफलता के अत्यंत नजदीक पहुंचता है।

जीवन में सपनों का भी अपना एक महत्व होता है वे आप को आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं जिसके सामने कोई भी लक्ष्य या सपना ही ना हो वह जिंदगी एक बने-बनाए ढर्रे में ही गुजार देते हैं।

लक्ष्य होने पर वह लक्ष्य आपको ऊर्जा प्रदान करता है कि हमें यह मुकाम हासिल करना है, दुनिया में मनोबल से बड़ी शक्ति दूसरी नहीं है, अपने मनोबल को हमेशा बनाए रखने वाला व्यक्ति स्वयं तो ऊर्जावान होता ही है, उसके संपर्क में रहने वाले भी ऊर्जावान हो जाते हैं।

प्रकृति के गहनतम रहस्यो में से एक है, आपकी स्वयं की आंतरिक शक्ति सदा उच्च स्तर की बनाए रख, वह अवश्य ही आपको अपने भीतर एक अद्भुत सी ताकत प्रदान करता है।

शुभ संकल्पों में प्रकृति स्वयं आगे बढ़ कर सहायक सिद्ध होती है। जब आप अच्छे विचारों से ओतप्रोत होंगे तो एक ऊर्जा का निर्माण आपके भीतर होगा। वह सकारात्मक ऊर्जा आपकी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष में 
आपकी सहायक सिद्ध होगी।

विशेष = विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी आंतरिक उर्जा बनाए रखें, बार बार दोहराते रहे कि यह समय धैर्य व संयम से परिस्थिति को समझ कर इस समय को निकालने का है। आंतरिक धैर्य बनाए रखने पर आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपको आन्तरिक मनोबल प्रदान करेगी।
                                                                                                                                    आपका अपना,
                                                                                                                                     सुनील शर्मा।

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