समसामयिक, महाराष्ट्र की राजनीति पर विशेष

प्रिया पाठक गण, सादर वंदन,
आप सभी को मेरा मंगल प्रणाम,आज प्रवाह में कुछ बदलाव के साथ समसामयिक मुद्दे पर जो कि समाज में जो कुछ घट रहा है उस पर मेरी लेखनी आज चलेगी।
         मेरा आपसे यह संवाद ही तो है जो आपके और मेरे बीच एक अद्भुत से बंधन को जन्म देता ह
         खैर, अब हम आते हैं आज के विषय पर, राजनीतिक नैराश्य का दौर है, महाराष्ट्र में जो घट रहा है, उसने तमाम राजनीतिक मर्यादाओं को किनारे कर दिया है
आज सभी राजनीतिक दल बस येन केन प्रकारेण सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं, ऐसे में मेरी कलम तो चलना ही है, और भीतर गहराई में जो अनुभव कर रहा हूं वही लिखूंगा।
     आज भारत माता की आजादी के लिए जिन शहीदों ने वह कई गुमनाम लोगों ने भी पूर्ण आस्था के साथ जो बलिदान देश हित में दिया था, आज उन सभी के बलिदान पर यह नेता ऊपरी तौर पर उनका गुणगान कर ले,लेकिन अंतरात्मा में झांक कर जरा देखें कि इनका कितना नैतिक पतन हो चुका है।
आज कोई भी चुनाव धनबल के बिना संपन्न नहीं होता, समस्त राजनीतिक दलों की कथनी व करनी अलग है। वस्तुत इन लोगों को वास्तव में आत्ममंथन की जरूरत है।
सारा देश इनके नाटक को देख रहा है समझ रहा है। सभी राजनीतिक दल सत्ता के लालची हो गए हैं।
इनसे अब कोई सा भी राजनीतिक दल अछूता नहीं है।
       मेरे देश के नौजवान भाई बहनों, आदरणीय सभी सम्मानीय नागरिक गण, अब यह वक्त का तकाजा है, हमें अब चुप नहीं रहना चाहिए। जो भी नागरिकों शिद्दत से महसूस करते हैं कि देश में अब सब कुछ गलत दिशा में जा रहा है, तो पुनः एक जन आंदोलन जैसा जयप्रकाश नारायण ने चलाया था, उसकी अब देश को जरूरत है ।
मेरा ब्लॉग लिखने का उद्देश्य निजी स्वार्थ ना होकर उन तमाम सकारात्मक शक्तियों को एक सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण बीड़ा इस ब्लॉग के माध्यम से मैंने उठाया है। आज मैंने थोड़ा लीक से हटकर यह लेख जरूर लिखा है, अंतरात्मा की गहराई से मेरे शब्द निकले हैं।
आज फिर देश को भगत सिंह से इंकलाब नौजवानों की जरूरत है। यह देश आपको पुकार रहा है, उठ खड़े होइए, आपने वह माददा है। आप लोग देश की दिशा बदल सकते हैं।
जय हिंद जय भारत
विशेष:-यह लेख मां भारती के चरणों में समर्पित है यह लेख सभी नौजवान युवा साथियों प्रबुद्ध नागरिक गणों वह आंतरिक चेतना से जागृत उन सभी के लिए मेरा इस ब्लॉक के माध्यम से आह्वान है वे संगठित हो,ईस मैली-कुचैली राजनीतिक कुरीतियों को उखाड़ फेंके।
पुनः जय हिंद
आपका अपना
सुनील शर्मा

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