रोशनी की किरण

प्रिय पाठक गण,
सादर वंदन,
आप सभी सुधि पाठकों को सादर प्रणाम, आशा करता हूं आप सभी को मेरा यह ब्लॉक पसंद आ रहा होगा।
    मेरा यह ब्लॉग लिखने का मुख्य उद्देश्य सामाजिक चेतना को फैलाना है जिसके माध्यम से ही हम समाज को बदल सकते हैं।
    जिस समाज की चेतना विकृत हो, वह समाज कभी भी उन्नत नहीं हो सकता, बाधाएं चाहे तमाम आए, मगर हमें लक्ष्य पर डटे रहना चाहिए, हमारे देश की नई पीढ़ी को अगर हम सही तरीके से चेतना युक्त बना सके तो मेरा मानना है कि हम समाज को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।
     ‌‌‌‌‌‌‌  इसके लिए हमें निरंतर प्रयास करने होंगे, तभी यह संभव हो सकता है। निरंतरता बनी रहने पर ही हम नए आयामों को छू सकते हैं, अच्छा विचार पूर्ण मजबूती से अगर अपना ले, तो वह पूर्णता को अवश्य प्राप्त होता है।
        अंधकार कितना भी घना क्यों न हो, रोशनी की किरण निकलती है, हम अपने अथक प्रयासों द्वारा समाज में सामाजिक चेतना बदल सकते हैं।
  ‌‌‌ ‌     जब हम पूर्ण विवेक पूर्ण दृष्टि से सभी चीजों को देखते हैं, तुम्हें ईश्वर की बनाई सृष्टि पर नाज होता है।
विशेष:- हमारी विवेकपूर्ण दृष्टि ही हमें सुंदरता प्रदान करती है, ऊपर से भले हम कितना ही सजधज ले, जब तक भीतरी परिवर्तन नहीं होता, हमें वह रोशनी की किरण दिखाई नहीं देती।
आपका अपना
सुनील शर्मा
इति शुभम भवतु।

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