समसामयिक (पहलगाम विशेष ,2)

प्रिय पाठक गण,
      सादर नमन, 
पहलगाम विशेष इस श्रृंखला के पहले वाले लेख में मैंने विचार दिया था, भारतीय सेना को पूर्ण कार्रवाई का अधिकार मिले वह कश्मीर घाटी में अगर  राष्ट्रपति शासन अगर आवश्यक हो तो उसकी अनुशंसा भी की थी।
          आज जब अखबार में यह आया कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र जी मोदी ने सेना को पूर्ण अधिकार
प्रदान करते हुए उसकी कार्य योजना का अधिकार भी से ना को सौंप दिया है।
            योग संयोग से आज परशुराम जयंती का पावन अवसर भी है, इस पावन पर्व के दिन यानी परशुराम जयंती जो शौर्य के प्रतीक हैं , उन भगवान परशुराम जी की जयंती है, जिन्होंने स्वयं इक्कीस बार
अपने बाहुबल से क्षत्रियों का मान- मर्दन किया था, ऐसे शुभ दिन 
इस सूचना का प्राप्त होना कि भारतीय सेना को हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री व उनके मंत्रिमंडल कि सहमति सेना  को पहलगाम 
मामले में पूर्ण कार्रवाई का अधिकार दे दिया गया है, संपूर्ण देशवासियों के लिए हर्ष का विषय है, इससे भारतीय सेना का मनोबल भी ऊंचा होगा ।
                मुझे व संपूर्ण भारतवासियों को बेहद खुशी है कि पाकिस्तान से सिंधु नदी समझौता तोड़ने के बाद सरकार ने एक और कड़ा कदम देशहित में लिया है, देश की संपूर्ण जनता, सभी राजनीतिक दल, सभी आपके साथ हैं, इस बार कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए की अगली बार कोई इस तरह की घटना को अंजाम देने का दुस्साहस ही ना कर सके।
              इंदौर समाचार में मैंने पहलगाम पर पहला लेख लिखा था, उसमें मैं इस बात के लिए जोर दिया था, सेना को अधिक अधिकार मिलना चाहिये, स्थानीय प्रशासन, सीमा सुरक्षा बल व सेना मिलकर संयुक्त कार्रवाई करें व इसकी  कमान सेना के हाथो में हो, मुझे बेहद खुशी है, भारत सरकार का उसी दिशा में एक बहुत अच्छा कदम है।
           निश्चित ही सरकार के इस कड़े फैसले से संपूर्ण राष्ट्र का गौरव बड़ा है, सेना को पूर्ण अधिकार प्रदान करना एक बड़ी ही अच्छी खबर, अब हमारे देशवासियों को  सेना से यह उम्मीद है 
कि वह  उचित रणनीति बनाकर आतंकवाद की कमर तोड़ दे भारत सरकार ने जो उन्हें पूर्ण अधिकार दिया है, तो वह ऐसी विस्तृत कार्य योजना तैयार करें जिसे दुश्मनों का समूल सफाया हो।
             पुनः प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी मोदी को  व उनके पूरे मंत्रिमंडल को हृदय से धन्यवाद जो उन्होंने विस्तृत चर्चा के बाद हमारी सेना को पूर्ण अधिकार दिए निश्चित ही इसका दूरगामी अच्छा परिणाम हमें देखने को मिलेगा। 
            आतंकवादियों का कोई ईमान नहीं होता, उन्हें कड़ा से कड़ा दंड मिलना ही चाहिये। जम्मू कश्मीर व कश्मीर घाटी के स्थानीय जो  भी उनको पनाह देने वाले हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जाना चाहिये व उन पर भी कड़ी कार्यवाही करना ही चाहिये।
            राष्ट्र -विरोधी तत्वों से पूर्ण सामर्थ्य से निपटना ही चाहिये,
मैंने अपने पूर्व लेख में जो पहलगाम पर लिखा था, उसमें स्पष्ट 
कहा था की सेना को  कार्यवाही का अधिकार मिलना ही चाहिये,
बड़ी ही खुशी की बात है मेरी इस बात को, जो हर देशवासी के मन की ही बात थी, देश के वर्तमान राजनीतिक नेतृत्व में इसकी सही ढंग से विवेचना की  व सेना को संपूर्ण अधिकार प्रदान कर
दिये, इसके लिए राजनीतिक नेतृत्व निश्चित ही प्रशंसा का पात्र है कि उसने कठोर कार्रवाई के संकेत बिल्कुल साफ दे दिए हैं। 
          हमारा देश मजबूत नेतृत्व के हाथों में है, और मुझे लगता है विपक्षी दलों को भी इस समय इस मुद्दे पर पूर्ण समर्थन करना ही चाहिये व वे ऐसा करेंगे भी, देश की अस्मिता पर जब भी सवाल उठा है, विपक्षी दल व सारा राष्ट्र एक होकर मजबूती से प्रधानमंत्री जी के साथ खड़ा है।
           और खास तौर से परशुराम जयंती के शुभ दिन देश को प्रधानमंत्री जी से ऐसी कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा भी थी, परशुराम जयंती के शुभ दिन इस प्रकार का निर्णय बहुत ही शुभ संकेत है, 
निश्चित हमारी सेना शत्रुओं का मान मर्दन करेगी व अखंड भारत राष्ट्र की ओर फिर कोई इस प्रकार से न देखें , ऐसी ऐतिहासिक कार्रवाई सेना  करेगी।
           संपूर्ण राष्ट्र की ओर सेना को भी जिस प्रकार से हमारे प्रधानमंत्री जी वह उनके संपूर्ण मंत्रिमंडल ने अधिकार प्रदान किये है, उससे हमारी सेना का भी मनोबल काफी बड़ा होगा। उन्हें संपूर्ण राष्ट्र की ओर से पूर्ण समर्थन, ऐसी कार्रवाई करें कि दुश्मन फिर कभी इस प्रकार का दुस्साहस कर ही ना सके।
आपकाअपना 
सुनीलशर्मा 
जय भारत 
जय हिंद।

      

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