राजनीति और हम

प्रिय पाठक वृंद,
     सादर प्रणाम, 
आज का मेरा विषय है, राजनीति और हम, हम जिस भी समाज में रहते हैं , वहां का पूरा परिदृश्य किस प्रकार है, हमारी उसमें क्या भूमिका हो सकती है, यह हमें तय करना होगा। 
           हर समाज में दो प्रकार की विचारधारा के लोग होते हैं,
एक समन्वयक वादी व दूसरे विखंडन वादी।
            जो समन्वयवादी दृष्टिकोण के होते हैं, उन पर और अधिक जवाबदेही  होती है।
            हम राजनीति को छोड़ नहीं सकते, क्योंकि वह हमारे दैनंदिन जीवन को भी प्रभावित करती है, एक विचारशील समाज मंथन करते हुए आगे बढ़ता है। जब चारों ओर अराजकता का वातावरण व्याप्त हो, तब तो जन -जागरण और आवश्यक है। 
             राजनीति में अच्छे विचार होना ही काफी नहीं है, अपनी पूर्ण इच्छा शक्ति द्वारा हमें आत्म मंथन करते हुए समाज के जागरण का कार्य करना ही चाहिये।
             राजनीति हम लोगों के पूर्ण जीवन को प्रभावित करती है, राजनीतिक इच्छा शक्ति अगर सही और हो तो समाज में बदलाव हो सकता है, किसी भी प्रकार के बदलाव में एक लंबा समय चाहिये, राजनीतिक इच्छा शक्ति अगर सुधार की हो तो यह संभव है, पूर्ण शक्ति से हम अन्याय पूर्ण बातों का प्रतिकार करें, समय आने पर पूर्ण साहस का परिचय दें, तभी वातावरण में बदलाव हो सकता है। 
           अगर हम सही रूप में इसका समाधान चाहते हैं तो हमें इसका हाल मिलकर निकालना चाहिये, राजनीति में हमें हमारी (जनता की)  ताकत को कम नहीं आंकना चाहिये, जनमत के आगे सभी को झुकना ही होता है। 
           जनमत अगर सही दिशा में राजनीतिक दलों को मोड़े, उन्हें सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करें, अच्छे राजनेताओं का समर्थन करें व विवादास्रापद राजजनेताओं का समर्थन न करें।
          राजनेताओं में व जनता में स्वस्थ  संवाद की परंपरा विकसित होना चाहिये, स्वस्थ संवाद से किसी भी समस्या को सही समाधान की ओर ले जाया जा सकता है। 
         चीजों को सही रूप से देखने पर ही हम उस और कदम बढ़ा सकते हैं, राजनीतिक शुचिता आज की सबसे बड़ी अगर समस्या है, तो समाधान भी उसी के भीतर है। 
         एक अच्छा राजनेता जनता के बीच रहकर उनसे संवाद के द्वारा सभी समस्याओं का हल निकालने में सक्षम होता है।
          हमें सिक्के के दोनों पक्षों राजनेता व हमारे ( जनता ) बीच एक बेहतर समन्वय  पैदा करना होगा, समाधान अपने आप होते जायेंगे।
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जय हिंद 
जय भारत।

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