हनुमान जयंती पर विशेष

आप सभी को सादर जय श्री राम,  
           आज हनुमान जयंती पर हम उनके विभिन्न गुणों पर आधारित चर्चा करेंगे, वे सहज,सरल, वार्तालाप के गुणों से
युक्त, परम उत्साही, जैसा कि उनका एक नाम पवन पुत्र भी है,
यानी कि वायु की सी तेज गति से अपने निर्णय को करने में सक्षम 
है, वे अतुलित बल के भी धाम है।
         वे श्रीराम जी के परम भक्तहैं, व उनके चरित्र का जहां भी गुणगान होता है, वहां वे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप में विराजमान हैं, वह परम रहस्य को प्रदान करने वाले व वह राम भक्तों की व सज्जनों की रक्षा करने वाले हैं।
         कलि काल में उनकी आराधना जो भी करता है, उन सभी को उनकी कृपा तो प्राप्त होती ही है, उनके चित्त में राम भक्ति  का उदय हो जाता है।
          जो संपूर्ण मन चित्त से उनकी आराधना करता है, उसके सब काम सहज ही सिद्ध होने लगते हैं, हनुमान जी के चरित्र का हम जितना वर्णन सुनते हैं, वह हमें अंतर्ज्ञान प्रदान करने वाले हैं,
          वह अपने भक्तों के मन मे आंतरिक गुणों में अभिवृद्धि करने वाले  वह जीवन को परिवर्तित करने वाले हैं, उनकी मंगल शरण मात्र से हम कलयुगी जीवो में एक अनूठे उत्साह का संचार होने लगता है। उनके चरित्र का सुमिरन करने पर वे अपने भक्तों
की मनोवृत्ति को भीतर से बदल देते हैं, और यह परिवर्तन मनुष्य के भीतर की ओर होने लगता है, फिर कितनी भी कठिन परिस्थिति हो उनके भक्त विचलित नहीं होते हैं।
            वे माता अंजनी के लाल है, उनका एक नाम पवन पुत्र भी है, उन्हें माता अंजनी का पुत्र होने से आंजनेय भी कहा जाता है,
ग्यारहवे रुद्र अवतार है।
      निष्ठा पूर्वक उनकी आराधना करने से वह मनुष्य के जीवन में परम उत्साह का संचार करते हैं, जीवन की समस्त कठिनाइयां या बाधाओ को किस प्रकार युक्ति पूर्वक हल किया जाये, यह ज्ञान प्रदान करने वाले हैं।
         वह उनके बाल्यकाल  से ही परम तेजस्वी व नेतृत्व के गुणों से युक्त हैं, वार्तालाप किस प्रकार किया जाता है, वे उसकी महत्ता से परिचित हैं। इस प्रकार अनेक गुणों से युक्त अंजनी सूत, केसरी नंदन हनुमान जी के जन्मोत्सव की आप सभी को हार्दिक मंगल शुभकामनाएं।
       आप सभी के जीवन में हनुमत कृपा बरसे वह आपके जितने भी कार्य हो वहां हनुमान जी की कृपा से सिद्ध हो। 
   पुनः हनुमान जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। 
 जय श्री राम। 
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जय हिंद,
जय भारत।

 

0 टिप्पणियाँ: