सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम, मेरी यह विचार यात्रा आपको कैसी लग रही है अवश्य बतायें।
आज का हमारा विषय है, नेतृत्व किस प्रकार करें, आज का समय ऐसा समय है, जब चारों ओर से सूचनाएं हमारी और तीव्र गति से आ रही है।
ऐसे समय में जब सभी और से आपकी और समाचार तीव्र गति से आ रहे हो, तब यह आवश्यक है कि उनमें से क्या ग्रहण करें और क्या ना करें।
आज का समय तीव्र गामी समय है, सूचना का आदान-प्रदान काफी तेजी से हो रहा है, उन सभी प्राप्त सूचनाओं में से आपके क्या काम की है, क्या काम की नहीं है, इसमें जब तक आप तय नहीं करेंगे, तब तक आज के समय में आप कुशल नेतृत्व नहीं कर सकेंगे।
आपको जो भी सूचनाएं प्राप्त होती है , उन्हें जानना भी जरूरी है, मगर उसमें से क्या आवश्यक है, क्या अनावश्यक है, यह और अधिक महत्वपूर्ण है।
नेतृत्वकारी को सभी सूचनाएं रखनी भी होती है, मगर उनमें से क्या महत्व की है, यह चयन करना भी नेतृत्व को आना चाहिये।
हमें प्राचीन परंपरा व नये मूल्यों दोनों में ही एक उचित संतुलन बनाने की आवश्यकता है, सभी प्राचीन परंपरा सही हो,
यह आवश्यक नहीं, हमें उन्हें आज के वर्तमान संदर्भ में देखना
होगा, सभी नए मूल्य सही यह भी आवश्यक नहीं, हमें दोनों को पूर्ण रूप से सजगता से अवलोकन करना होगा, आपको अवलोकन व विश्लेषण के उपरांत जो भी उपयोगी व, सटीक लगे वह उपयोगी है, इस प्रकार का विश्लेषण करने की सामर्थ्य आज के नेतृत्व में अवश्य होना चाहिये।
प्राचीन संस्कृति में से क्या अच्छे विचार हैं, उन्हें अपनाये
वह नवीन विचारधारा में क्या उपयोगी है, नीति निर्देशक तत्व हमें प्राचीन परंपरा से व वन नवीनतम ज्ञान हमें विज्ञान से लेना चाहिये,
परंतु दोनों ही मानवीय हित में किस प्रकार उपयोगी है, यह अवश्य देखें।
सही निर्णय लेने की क्षमता, वर्तमान संदर्भ में या परिस्थिति में
क्या प्राथमिकता होना चाहिये, यह एक नेतृत्वकारी को अवश्य मालूम होना चाहिये।
नेतृत्व करना भी एक कला है, जिसमें आप एक समूह का
नेतृत्व करते हैं, जी समूह का आप नेतृत्व करते हैं, उन सभी में सबका आपसी संवाद हो, समूह में कोई भी नेतृत्व से कुछ पूछ सके, नेतृत्व करने वाले के पास उसका समाधान होना चाहिये।
नेतृत्व तभी सफल होता है, जब सभी की आस्था अपने नेतृत्व में हो, समूह में रह रहे व्यक्तियों यह विश्वास हो की नेतृत्वकारी की भूमिका में जो भी है, वह हमारा अहित नहीं होने देंगे, चाहे परिस्थिति कितनी भी विकट हो।
वर्तमान समय में क्या आवश्यक है, वर्तमान समय में आप क्या करते हैं, जिससे भविष्य में आपका समूह और अधिक मजबूत हो,
आर्थिक, मानसिक दोनों ही अत्यंत महत्वपूर्ण है, यह आपके संपूर्ण समूह की प्रगति के लिये आवश्यक भी है।
आर्थिक तौर पर जितना बेहतर प्रबंधन जिस समूह का होगा,
वहां पर बेहतर परिणाम अवश्य आयेंगे।
चाहे आपका पारिवारिक समूह हो, सामाजिक समूह हो यह व्यावसायिक समूह हो, जितनी पारदर्शिता पूर्ण आप अपनी नीतियों का पालन करेंगे , जितने सशक्त तरीके से आप कार्य करेंगे उतनी ही आपके नेतृत्व की कुशलता बढ़ती जायेगी।
, नेतृत्व करते समय पहला गुण पारदर्शिता, द्वितीय समन्वय करने की कला, वर्तमान की सुदृढ़ता व भविष्य के लिए नीति निर्माण करना, यह एक कुशल नेतृत्वकारी के गुण होने चाहिये।
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