आप सभी से एक विनम्र निवेदन है, अगर आप सभी को मेरी लेखनी प्रभावपूर्ण लगती है, लगता है कि इससे सामाजिक बदलाव हो सकता है, तो कृपया मेरे प्रवाह को आगे से आगे बढ़ाते जाये, ताकि अधिक से अधिक लोग मेरे विचार तक पहुंचे और एक चेतना का जागरण हो।
हम सभी के जीवन में अनेक चुनौतियां आती है, जो हमें चाहे स्वीकार हो या ना हो, जो भी व्यक्ति अपने जीवन मे इन संघर्षों को ही अपनी सीढ़ी बना लेता है, वह निरंतर संघर्ष द्वारा आगे से
आगे अपने जीवन में तरक्की करता ही जाता है।
जीवन में जब भी हम संघर्ष में दौर में होते हैं, वही संघर्ष हमें
प्रेरणा भी प्रदान करते हैं, क्योंकि यही संघर्ष का दौरा हमारे जड़े भी मजबूत करता है।
जीवन में संग्राम निरंतर जारी है, हर दिन हमें एक नई ऊर्जा के साथ इसका सामना करना पड़ताहैं, चुनौतियां भी अपना स्वरूप बदलकरआती है वह हमें इसके लिए पूर्णरूपेण तैयार
रहना पड़ता है।
जब तक हमारा जीवन है, कई प्रकार के मोड भी आएंगे,
कुछ बदलाव भी आते हैं। जिंदगी हमें सिखाती है, हम सीखते
जाते हैं।
इस प्रकार यह क्रम चलता रहेगा, बढ़ाओ के होने के बाद भी जो हमें प्रेरणा मिलती है, वह हमारी आंतरिक शक्ति जागृत होने पर ही हमें प्राप्त होती है।
जीवन के इस महासागर में अंतर्द्वंद हमारे भीतर चलता ही रहता है, क्या करें ,क्या न करें, उसे समय हम समर्पित प्रभाव से जो भी हमारे सामने दृश्य उपस्थित हो, आहो भाव से उसका स्वागत करें, वंदन करें तो निश्चित ही जीवन संग्राम में हमें अपेक्षित सफलता प्राप्त होगी ही, हम बस जो भी सामने उपस्थित होता है,
संपूर्ण ईमानदारी से उसे निभाने का प्रयास करे, तो सफलता आपके कदम अवश्य चूमेगी।
जो भी है, बस वह इसी एक पल में है, जो पल हमारे सामने उपस्थित है, अपनी संपूर्ण ऊर्जा शक्ति से हम उस क्षण को
महसूस करें।
अपनी पूर्ण उपस्थिति समस्त इच्छा शक्ति, संपूर्ण ज्ञानेंद्रिय व और कर्मेंद्रियां जब हम एक साथ समाविष्ट कर देते हैं, उसे समय जो सृजित होता है वह अद्भुत होता है।
उसे साजन हर ईश्वर के प्रति समर्पित रहे, फिर सब शुभ ही होगा, मंगल ही होगा।
आपका अपना
सुनीलशर्मा
जय भारत,
जय हिंद।
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