सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
मेरी यह प्रवाह यात्रा आप सभी को कैसी लग रही है,आप अवश्य बताएं।
प्रवाह में आज का मेरा आज का विषय है ,जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, इन शब्दों का गहन अर्थ यह है कि जहां पर सुमति विद्यमान होती है, अर्थात जहां पर सब एक दूसरे का सहयोग करते हैं, वहां पर सभी प्रकार की संपत्ति अवश्य विद्यमान होती है।
और इसकी शुरुआत हमें अपने परिवार से करना चाहिये,
घटनाक्रम बदलते रहते हैं, मगर हमें अपने मूल विचार पर निरंतर कायम रहना चाहिये। जितना अधिक इस पर हम दृढ़ होंगे, उतने ही अधिक हमें आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेंगे, कोई भी कार्य समय तो मांगता ही है, बगैर उचित समय के कोई भी कार्य
पूर्ण होना संभव भी नहीं है, जैसे-जैसे हम एक -एक कदम मजबूती से रखते जाते हैं, वैसे वैसे परिणाम भी हमें प्राप्त होते आते हैं।
हम इतिहास को भी अगर उठाकर देखते हैं, तो पाते हैं जहां जहां पर सुमति को स्थान मिला, वहां वहां पर निश्चित है कि वे सभी कल्याण की और अग्रसर हुए हैं।
हम अपना व परिवार का कल्याण तो करे ही, साथ ही समाज को भी सही दिशा प्रदान अवश्य करें।
जिस जिस ने भी सुमति को अपने जीवन में स्थान दिया , कुछ समय पश्चात हमें अच्छे परिणाम ही देखने को मिलतें हैं, कभी-कभी समय भी लग सकता है, मगर हमारी अच्छी विचारधारा के हमें निश्चित ही परिणाम अच्छे ही प्राप्त होते हैं, पूर्ण ईमानदारी पूर्वक अगर हम सुमति को अपनाते हैं, तो परिणाम देर सवेर हमारे ही पक्ष में होंगे।
विशेष:- हम सभी उस एक ईश्वर की ही सन्तान है, हमें हिंलमिल कर रहने पर जो परिणाम प्राप्त होते हैं, वह आश्चर्यजनक रुप से कमाल के होते हैं। अपने हृदय में सुमति बनाये रखें , उस पर दृढ़ता पूर्वक अमल करें, परिणाम शुभ ही होंगे।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय भारत
जय हिंद।
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