अविराम बहते रहे

प्रिय पाठक गण,
  सादर नमन, 
आप सभी को मंगल प्रणाम, 
     हम सभी सफर पर हैं, इस सफर की बस एक ही बात है, 
स्वीकार्यता, जीवन में हम सब कुछ जैसा चाहते हैं, वैसा नहीं होता है। परिस्थितियों बदलती रहती है, मित्र कुछ स्थायी हो सकते हैं,
मगर परिस्थिति सदा ही एक जैसी नहीं होती, बस अविराम बहते रहे। उसकी कृपा का नित्य अनुभव करें, मंगल कृपा को भूले नहीं।
       उसकी कृपा का नित्य अनुभव करें, कुछ हमारे हाथ में  है,
कुछ हमारे हाथ में नही, आंतरिक धैर्य बनाए रखें, जिसने भी धैर्य का दामन थाम लिया, अंततः वही जीवन सफर का आनंद उठाता है, धैर्य पूर्वक जीवन यात्रा को चलने दे, जहां पर धैर्य होगा, वही परिणाम सुखद होगा।
         परिस्थिति चाहे पक्ष में हो अथवा नहीं, अपनी यात्रा को 
निरंतर जारी रखें, अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं, अनुभवों से सीखते जाये, जीवन- यात्रा एक बहुत ही सुन्दर प्रकिया है, बहते रहे, संघर्ष से घबराये नहीं, परिस्थितियों बदलती है, धैर्य का दामन किसी भी परिस्थिति में न छोड़ें, अनेक बार महसूस होगा, जिंदगी आखिर हमसे क्या चाहती है? अनेक प्रकार के विचार भी आते
रहते हैं, उन सब विचारों के होते हुए भी हमें कुछ मूलभूत सिद्धांतों पर तो अडिग  होना ही पड़ता है।
       किसी भी परिस्थिति के उपस्थित होने पर भी उस परिस्थिति
 में अपना धैर्य बनाये रखें, वही जीवन का मूल मंत्र है।
       व्यक्ति आयेंगे, व्यक्ति जायेंगे, परिस्थितियों आयेंगी, परिस्थिति जायेगी, पर वह जो परमात्मा है, वह हमेशा आपके साथ ही है, ऐसा परम विश्वास रखें, जो उसकी मर्जी है, होता वही है, पूर्ण भरोसा रखकर जवन जिये।
      अविराम बहते रहे, जीवन की गति कभी भी अवरूद्ध नहीं होती, हम अपने मानस को जितना सशक्त करेंगे, उतने ही अच्छे
परिणाम हमें जीवन में प्राप्त होते रहेंगे, कभी भी अपने मन में 
निराशा का भाव न आने दें, आप जो भी अच्छा सोचते हैं, उस पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक कार्य करते रहे, जो भी लक्ष्य आपने बनाये हैं, उन लक्ष्यों के लिये अपनी पूरी ऊर्जा को लगा दें, अपनी आंतरिक ऊर्जा को कभी भी क्षीण न होने दें।
      जिंदगी में अवसर आते ही हैं, जो भी अवसर आपको मिलता है, उसे परमात्मा का उपहार मानकर स्वीकार  करे। अपने लक्ष्य पर निरंतर कार्य करें, समय आने पर सब सही दिशा में ही जायेगा।
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जय भारत 
जय हिंद

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