नित्य नूतन जिंदगी

प्रिय पाठक गण,
        सादर वंदन, 
आप सभी को मंगल प्रणाम, 
     प्रवाह की इस अनूठी यात्रा में आप सभी का स्वागत है। 
जीवन में हर दिन बसंत ऋतु  है, सदा खुश मिजाज  रहे , चीज जो घट रही है, उसके नियंता आप है ही नहीं, आप यह स्वीकार कर ले, हम तो निमित्त हैं, फिर देखिये, आपकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू हो जायेगा, जीवन का जुझारूपन ही जीवन की असली ताकत है, नित्य प्रति प्रार्थना करें, विनय करें, हे परमात्मा 
आपकी बड़ी कृपा है। जैसे-जैसे हमारे दिन बीते, उसे पर हमारी आस्था और प्रगाढ़ होती जाए, सभी घटनाएं जो भी घट रही है या
घटेगी, वह सब पहले से ही तय है, हम सभी केवल निमित्त मात्र है, उसे परमपिता परमेश्वर के रचाये हुए किरदार है, बस हमें अपनी भूमिका का सही ढंग से निर्वाह करते जाना है, प्रकृति के इस अनूठेपन को जिसने भी सही तरीके से समझ लिया, उसने जीवन के हर पड़ाव को पूर्ण निश्चितता से  करना मानो सीख लिया है।
       नित्य ,नूतन हर दिन एक नई ऊर्जा व चेतना के साथ जीवन का प्रारंभ करिये, समझ लीजिये, आज का दिन ही है, उसे भरपूर ऊर्जा के साथ जीने की कोशिश करें, उसे ऊर्जा के स्पंदन को भीतर कहीं गहरे महसूस करें, हम सभी उसी परम चेतना के ही अंश है, मगर भौतिकवाद के अतिरिक्त भार ने मानो हमारे जीवन ऊर्जा को हमसे छीन लिया है, एक मासूम बच्चे की खिलखिलाहट  देखिये, पंछी का आकाश में मुक्त विचरण देखिये, नित्य सूर्योदय का दर्शन कीजिये, सूर्य भी तो रोज अपने पूर्ण सौंदर्य के साथ आता  है, प्रकृति में पक्षी मधुर कलरव करते हैं,  एक सामान्य सी गिलहरी देखिये, वह किस प्रकार अपनी पूर्ण ऊर्जा से इधर से उधर चहल कदमी करती है, पेड़ ,पौधे, वृक्ष यह सभी परमात्मा की जीवन ऊर्जा  से परिपूर्ण है।
       इसी प्रकार हम भी नित्य फूलों की तरह महके, उसकी खुशबू वह सौंदर्य को आत्मसात करें, तितलियों का उड़ना, स्वर -लहरियों का गुनगुनाना , मधुर गीतों को गाइये, यह जीवन भी एक मधुर सा गीत ही है, इसे गुनगुनाइये ।
   प्रतिदिन प्रार्थना करें, उसे परमेश्वर को धन्यवाद कहें, जिसने हमें यह सुंदर जीवन प्रदान किया है, इसका स्वयं भी आनंद उठायें व
औरों को भी इसके लिए प्रेरणा प्रदान करें।
     अंतरात्मा की आवाज सुने, उसे प्रभु की शरणागति में आये,
उसने आपके लिए जो विधान रच रखा है, होगा तो वही, बगैर चिंता किये अपने निजी कर्तव्य को पूरा करते रहें , अपनी भूमिका को समझें वह अपनी कदमताल जारी रखें,  नित्य नूतन, नित्य कृपा को जीवन में महसूस करें। 
आपका अपना 
सुनील शर्मा 
जयभारत 
जय हिंद

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