सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
आज प्रवाह की इस यात्रा में आपसे साझा करना चाहता हूं, कुछ विचार या प्रयोग, जो मैंने स्वयं अनुभूत किये हैं, जिनका मुझे जीवन में लाभ प्राप्त हुआ है, इसीलिए आप सभी से इसे साझा कर रहा हूं।
हम सभी का जन्म कहां होगा, क्या हम तय करत हैं? अगर नहीं, तो फिर कुछ तो ऐसा अवश्य है, जो हमें नहीं पता, द्वितीय हमारी मृत्यु कब व कैसे होगी, हम साधारण जो जीवन जी रहे हैं? हम इसके बारे में क्या जानते हैं?
अब कुछ बातें जीवन पर, क्या हम अपनी संपत्ति को अपने साथ ले जा सकते हैं? जवाब होगा नहीं।
आप कहेंगे धन तो जीवन के लिये आवश्यक है, आज के भौतिक युग में इसके बिना काम नहीं होता, यह भी आज का एक कड़वा सत्य ही है।
मगर क्या केवल भौतिक समृद्धि से ही
हमारा जीवन समृद्ध होगा।
हमारा जीवन एक यात्रा है, तो हमें सभी आयामों को पार करना पड़ेगा।
भौतिक, आध्यात्मिक, स्वास्थ्य, मान सम्मान, आंतरिक शांति, वैचारिक दृढ़ता, परिषदों के अनुरूप क्या आवश्यक है? इसकी गहरी समझ, अच्छी संतान, अच्छा परिवार, समझदार पत्नी।
यह सब अगर हमारे जीवन में है, तो सही अर्थों में हम समृद्ध हैं, तभी हम कह सकते हैं कि हम समृद्ध हैं।
तो आप अपने जीवन को स्वयं देखें, इनमें से अगर अधिकतम आपके पास है, तो आप एक समृद्धशाली इंसान है , हमारे सारे कार्य अगर हो रहे हैं? कोई बड़ी बाधा हमारे जीवन में नहीं आ रही है? तो हमारा जीवन आंतरिक शांति से तो भरपूर है।
कुछ सूत्र जीवन के,
स्वयं पर पूर्ण ध्यान दें, अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखें, दूसरा हमारे जीवन में हम जो भी धन कमा रहे हैं, वह बुद्धिमत्ता पूर्वक खर्च करें, स्वयं का भरण पोषण, उचित समय पर दान, भविष्य की जरूरते, इन सभी का शुरुआत से ही जीवन में उचित समन्वय रखें।
अपने निजी अनुभवों को अपनी शक्ति बनाये, न कि कमजोरी।
एक राह बंद होती है, तो दूसरी अवश्य खुलती है, मेहनत से कभी न घबराये, चाहे आप नौकरी कर रहे हो या व्यवसाय।
नई बातें हमेशा सीखें, सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण हमेशा जीवन में रखें।
हमारा जीवन एक प्रयोग है, अच्छा प्रयोग
जब भी करना हो, अवश्य करें। हमें भीतर से उसकी प्रेरणा प्राप्त होगी।
कोई भी कौशल जीवन में अवश्य सीखें,
वह आपकी अपनी निजी संपत्ति हो जायेगी,
धन भौतिक है, मगर हम जब कोई भी कौशल सीखते हैं, वह हमेशा हमारी ताकत बनेगा।
स्वयं खुश रहें, आनंदित रहे, तभी तो आसपास का वातावरण भी खुशनुमा होगा।
आंतरिक शांति पर सर्वप्रथम ध्यान दें,
अगर हम यह कर पाये तो हमारे अधिकतर निर्णय सही साबित होंगे, क्योंकि आंतरिक शांति होने पर हम उस निर्णय को सही तरीके से समझ सकेंगे, हम यह निर्णय क्यों ले रहे हैं? इसके क्या परिणाम होंगे?
यह हमेशा हमें जांचते रहना चाहिये,
हमेशा दीर्घकालिक रणनीति जीवन में बनाये,
साथ ही तात्कालिक परिस्थितियों में भी क्या अधिक सही है, सतत अध्ययन करते रहे, इससे आपका निर्णय अधिकतम सही दिशा में होंगे।
हमेशा प्राथमिकता क्या है? यह हमें अवश्य समझना चाहिये, उम्र बढ़ने पर हमारी प्राथमिकता में परिवर्तन भी आता है, सकारात्मक सोचे, विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखें।
अपने मित्र कौन है? यह अवश्य हमें पता हो, कौन हितेषी ? व्यवहारिक जीवन में कभी भी हम इस पहलू को अनदेखा न करें।
अपने जीवन की इस अद्भुत यात्रा का आनंद उठायें, आपस में मतभिन्नता होने पर भी जिस जगह आप निवास करते हैं, उन सभी का सर्वाधिक हित किस प्रकार संभव है,
इस नीति पर कार्य करें।
विशेष:- जीवन में अनुभव भी लोगों की सलाह सुने, उस पर गौर करें, अगर उनकी सलाह अच्छी है? और वह हमारी परिस्थिति के अनुसार उपयुक्त है, तब तो ठीक है, अगर नहीं है, तू विनम्रता पूर्वक सुनने के बाद फिर
निर्णय करें।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय हिंद,
जय भारत,
वंदे मातरम।
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