सादर नमन,
आप सभी को मंगल प्रणाम,
आज प्रवाह में हम बात करेंगे भूत, वर्तमान ,व भविष्य।
क्या हम हमारे भूतकाल को जो बीत गया, उसे बदल सकते हैं, उत्तर होगा नहीं,
तब हम भूतकाल में जो भी घटित हुआ है,
उससे केवल हम सबक ले सकते हैं, उसके अलावा उसका और तो कोई भी औचित्य नहीं हैं।
वर्तमान जो समय है, केवल वही हमारा है, वर्तमान में हम जो भी करेंगे, भविष्य का निर्माण उसी से होगा।
उपयुक्त क्या होगा? हम वर्तमान समय में पूर्ण सजग रहे व उस पर संपूर्ण ध्यान दें, तभी हम हमारे भविष्य को सही कर सकते हैं। भूतकाल से हम सबक सीखें, वर्तमान में रहे, भविष्य दृष्टा बने, आगे से आगे क्या घटनाक्रम घटेगे, व आज हम जो भी कर रहे हैं, निश्चित ही हमारे भविष्य का निर्माण उसी से होगा।
भविष्य निर्माण के लिए आवश्यक है, कि हम वर्तमान में पूर्ण सजग रहकर भविष्य की और दृष्टि रखें।
अपने सपनों को चुने, फिर उन पर पूर्ण ईमानदारी, स्पष्ट नीति व धैर्य पूर्वक हम आगे बढ़े, भूतकाल को बदला नहीं जा सकता, मगर वर्तमान समय का सही उपयोग हम अगर करते हैं, तो भविष्य निश्चित ही हमारा सुखद व सुदृढ़ होगा।
इस प्रकार हम अपने जीवन को व्यवस्थित क्रम से आगे से आगे लेकर जाये।
आजकल आधुनिक साधनों का सही प्रयोग करके हम समय व श्रम दोनों की ही बचत कर सकते हैं, धन,समय, व श्रम इन तीनों का सही उपयोग हम करें, समय भी धन है, उसे हम सही जगह नियोजित करेंगे तो हमें बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
परिश्रम से कभी न घबराये, हमारा परिश्रम ही हमें आगे कर सकता है, अन्य कोई भी उपाय जीवन में नहीं। जितना अधिक हम योजना बद्ध तरीके से कार्य करेंगे, उतने ही आश्चर्यजनक परिणाम हमें प्राप्त होंगे।
व्यवहारिक नियमों को जीवन में स्थान दें, आपका व्यवहार ही आपको आगे ले जाता है,
विनम्रता पूर्वक व्यवहार करें।
विनम्रता वह आभूषण है, जो हमें सफलता के शिखर पर लेकर जा सकता है,उसे कभी भी न खोये, वह आपके मूल
व्यक्तित्व की पूंजी है।
आशावादी रहे, अपनी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें, धीरे-धीरे, लेकिन किसी भी कार्य
में परिणाम आने में समय तो लगता है।
धैर्य पूर्वक अपनी यात्रा को जारी रखें,
निरंतरता बनाये रखें।
आंतरिक शक्ति व सामर्थ्य, जो की सबसे
अधिक महत्वपूर्ण है, उसे अपनी ताकत बनाये, दृढ़ इच्छा शक्ति को धारण करें,
अंततः आप सभी बाधाओं को पार करते हुए
आपने जो भी लक्ष्य लिया है, उस लक्ष्य पर अपना पूर्ण ध्यान केंद्रित करें, दिशा भ्रमित न
हो। क्या करना है? उसे भीतर बराबर दोहराते रहें, जब आप बारंबार किसी एक तथ्य या
वस्तु या विषय के बारे में सोचते हैं, तो यह बह्मांड आपको उन लोगों से मिलायेगा व आप प्रगति के पथ पर अग्रसर हो जायेंगे।
आपका जो भी मुख्य लक्ष्य है, वह आपकी स्वयं की स्थिति के अनुसार सबसे बेहतर आप क्या कर सकते हैं? ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित होने से आप फिर उस दिशा में ,
आपने जो भी लक्ष्य लिया है, उसे करने की कोशिश करेंगे, व आप उस लक्ष्य के अधिकतम नजदीक भी होंगे।
जीवन में स्वप्न जरूर देखें, क्योंकि वह आपके लिए प्रेरणा का कार्य करते हैं, विचलित न हो, धैर्य पूर्वक अपने लक्ष्य को पार करें।
विशेष:- भूतकाल से सबक प्राप्त करें, वर्तमान में रहे, वर्तमान में आप किस प्रकार से कार्य करें, जिससे आपके उज्जवल भविष्य का निर्माण हो, बस यही इसका सारांश है।
आपका अपना
सुनील शर्मा
जय भारत,
जय हिंद,
वंदे मातरम।
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